टेस्ला की भारतीय योजना पर ट्रंप का हमला: क्या है असली वजह?

टेस्ला का भविष्य

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एलन मस्क द्वारा भारत में टेस्ला की फैक्ट्री खोलने की योजना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि यदि मस्क भारत में एक फैक्ट्री लगाते हैं, तो यह अमेरिका के लिए “बहुत अनुचित” होगा। ट्रंप ने इस विषय पर चर्चा करते हुए भारत में कारों पर लगने वाले उच्च टैक्स का उल्लेख किया, जो कि अमेरिकी उत्पादों के लिए एक बड़ी बाधा है।

टेस्ला का भविष्य
टेस्ला की भारतीय योजना पर ट्रंप का हमला: क्या है असली वजह?

टेस्ला की भारत में एंट्री

टेस्ला, जो कि दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी है, अब भारत में अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए तैयार है। कंपनी ने हाल ही में अपने शोरूम खोलने और भारतीय बाजार में कारों की बिक्री शुरू करने की योजना बनाई है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारों को बेचने के लिए बर्लिन प्लांट से आयात करने का निर्णय लिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, टेस्ला की पहली कार की कीमत लगभग 22 लाख रुपए होगी और इसकी बिक्री अप्रैल 2025 से शुरू होने की संभावना है।

ट्रंप का बयान

डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर मस्क भारत में फैक्ट्री लगाते हैं, तो यह अमेरिका के साथ अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि भारत में कार बेचना लगभग असंभव है क्योंकि वहां पर 100% इम्पोर्ट ड्यूटी लगती है। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की थी और अमेरिका हमेशा न्यायपूर्ण व्यापार चाहता है।

भारत में इम्पोर्ट ड्यूटी

भारत सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहनों पर इम्पोर्ट ड्यूटी को कम करने का प्रयास किया है। हालांकि, अभी भी यह दर अन्य देशों की तुलना में काफी अधिक है। ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका के उत्पादों पर उच्च टैक्स लगाकर अन्य देश लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मस्क भारत में फैक्ट्री खोलते हैं, तो यह अमेरिकी उद्योग के लिए एक बड़ा झटका होगा।

टेस्ला का भविष्य

टेस्ला ने भारत में अपने ऑपरेशंस को बढ़ाने के लिए नई भर्तियों की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। कंपनी ने 13 नई जॉब लिस्टिंग पोस्ट की हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए गंभीर हैं।

इसके अलावा, टेस्ला ने महाराष्ट्र में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए जमीन तलाशने की बात भी कही है। यदि यह योजना सफल होती है, तो इससे भारतीय सप्लायर्स से 1 बिलियन डॉलर से अधिक के कंपोनेंट्स खरीदने का अवसर भी मिलेगा।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप का बयान इस बात को दर्शाता है कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों में कुछ जटिलताएँ हैं। जबकि टेस्ला की भारत में एंट्री एक सकारात्मक कदम हो सकता है, लेकिन इसे लेकर कई चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं। यदि एलन मस्क अपनी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करते हैं, तो यह भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

इस प्रकार, टेस्ला और डोनाल्ड ट्रंप के बीच का यह विवाद न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों पर भी प्रभाव डाल सकता है।

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