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बिना पूंजी के शुरू करें प्रिंटर रिपेयरिंग बिज़नेस: ₹30,000+ कमाई का आसान तरीका

बिना पूंजी के शुरू करें प्रिंटर रिपेयरिंग बिज़नेस: ₹30,000+ कमाई का आसान तरीका

आज के समय में बिज़नेस करने में सबसे बड़ी समस्या यह होती है की उसमे पूंजी लगती है। पर क्या आपको पता है की कुछ बिज़नेस ऐसे भी होते हैं जिसमे आपको बहुत ज्यादा पूंजी लगाने की जरुरत नहीं पड़ती है। परन्तु आप फिर भी उस बिज़नेस से हर महीने 30000 रूपये से लेकर 40000 रूपये की कमाई कर सकते हैं।

दोस्तों इस लेख में हम आपके लिए एक ऐसे ही के बेहद ही शानदार बिज़नेस के बारे में जानकारी लेकर आये हैं जिसका नाम है प्रिंटर रिपेयरिंग बिज़नेस। आइये हम आपको इस बिज़नेस के बारे में बताते हैं की कैसे आप इस बिज़नेस को कर सकते हैं और कितना आप इस बिज़नेस में मुनाफा कमा सकते हैं।

प्रिंटर रिपेयरिंग बिज़नेस में टूल्स और प्रिंटर

प्रिंटर रिपेयरिंग बिज़नेस क्या है?

प्रिंटर रिपेयरिंग बिज़नेस में प्रिंटर रिपेयरिंग की जाती है। प्रिंटर रिपेयरिंग बिज़नेस में खराब प्रिंटर की जांच की जाती है। उसके बाद प्रिंटर में खराब पार्ट्स को बदल दी जाती है। मुख्य तौर पर प्रिंटर रिपेयरिंग में पार्ट्स को बदल दी जाती है। या फिर इसमें सॉफ्टवेयर से सम्बंधित समस्या देखने को मिलती है।

 

प्रिंटर रिपेयरिंग का जो काम करता है उसे प्रिंटर रिपेयरिंग तकनीशियन या प्रिंटर रिपेयरिंग इंजिनियर कहते हैं। प्रिंटर रिपेयरिंग करने के बदले में प्रिंटर तकनीशियन अच्छे पैसे डिमांड करता है। आम तौर पर कम से कम एक प्रिंटर को रिपेयरिंग करने के 300 रूपये का चार्ज लेते हैं।

 

इसके साथ ही प्रिंटर कार्टेज में इंक भरने के लिए 100 रूपये का चार्ज लिए जाते हैं। आम तौर पर एवरेज 500 रूपये से लेकर 1000 रूपये का प्रॉफिट एक प्रिंटर को बनाने में मिलता है। कई बार तो एक प्रिंटर को बनाने में 2000 रूपये का चार्ज मिल जाता है।

 

ऐसे में प्रिंटर रिपेयरिंग बिज़नेस एक बहुत ही प्रॉफिटेबल बिज़नेस है। इस बिज़नेस को करने के दो तरीके होते हैं। पहला है की आप किसी अच्छे जगह पर एक दूकान खोल सकते हैं। या फिर आप प्रिंटर रिपेयरिंग का होम सर्विस कर सकते हैं। हालाँकि दोनों ही तरीके में आपको लगातार काम मिलते रहते हैं।

 

लैपटॉप कंप्यूटर रिपेरिंग के काम एक बहुत ही प्रॉफिटेबल बिज़नेस है लेकिन उसमे कम्पटीशन बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा है। लेकिन प्रिंटर रिपेयरिंग में इंजिनियर बहुत कम है। ऐसे में प्रिंटर रिपेयरिंग बिज़नेस में आपको काम ज्यादा लेकिन समय कम मिलेगा। आइये आपको बताते हैं की प्रिंटर रिपेयरिंग बिज़नेस कैसे स्टार्ट करते हैं।

प्रिंटर रिपेयरिंग का बिज़नेस कैसे स्टार्ट करें?

प्रिंटर रिपेयरिंग का बिज़नेस को दो तरीके से किये जाते हैं। पहला है की आप भीड़ – भाड़ मार्केट में जहाँ पर आस – पास कई प्रिंटर इस्तेमाल करने वाले कस्टमर है, उस जगह पर आप एक प्रिंटर रिपेयरिंग का दूकान खोल सकते हैं। दुसरा तरीका है की आप प्रिंटर रेपरिटिंग का होम सर्विस कर सकते हैं।

 

हालाँकि प्रिंटर रिपेरिंग का बिज़नेस शुरू करने से पहले आपको प्रिंटर रिपेयरिंग को करना अच्छे से सीखना होगा। हालाँकि बात करें की प्रिंटर रिपेयरिंग को सिखने में कितना समय लगता है तो इसका जवाब है एक महीना। जी हाँ दोस्तों आप प्रिंटर रिपेयरिंग का कम्पलीट कोर्स को एक महीने में पूरा कर सकते हैं।

 

प्रिंटर रिपेयरिंग का कोर्स आप किसी भी प्रिंटर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से 15000 रूपये देकर पूरी कर सकते हैं। हालाँकि दिल्ली में प्रिंटर रिपेयरिंग के कई इंस्टिट्यूट है जहाँ पर आप प्रिंटर रिपेयरिंग का कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा पटना बिहार में भी प्रिंटर रिपेयरिंग का एक बहुत ही अच्छा इंस्टिट्यूट है जिसका AK Info Institute नाम है।

 

प्रिंटर रिपेयरिंग का कोर्स करने के बाद आप या तो किसी दूकान में 6 महीने के लिए या 1 साल तक एक्सपीरियंस के लिए काम कर सकते हैं। या फिर आप डायरेक्ट अपना काम चालु कर सकते हैं। हालाँकि अगर आप शुरुवात में किसी जगह पर काम पकड़ लेंगे तो आपको प्रिंटर रिपेयरिंग का एक्सपीरियंस मिल जायेगा।

प्रिंटर रिपेरिंग का बिज़नेस से पैसे कैसे कमाए?

प्रिंटर रिपेयरिंग का बिज़नेस को स्टार्ट करने के लिए आपको महज 500 रूपये से लेकर 1000 रूपये तक के बजट में टूलकिट आ जाएंगे। आपको बस अलग – अलग प्रकार के प्रिंटर ओपन करने के लिए स्क्रू ड्राइवर, अलग – अलग प्रिंटर के पावर केबल प्रिंटर को चेक करने के लिए, ब्रश गन्दी को साफ़ करने के लिए, और कुछ कॉटन कपडे।

 

इतना समाग्री को आप अपने बैग में रख कर प्रिंटर रिपेरिंग का बिज़नेस को होम सर्विस से स्टार्ट कर सकते हैं। प्रिंटर रिपेयरिंग में ज्यादातर रिपेयरिंग सर्विस करने से ही हो जाती है।

 

इसके अलावा प्रिंटर को रिपेयर करने के लिए पार्ट्स को बदले जाते हैं। प्रिंटर रिपेयरिंग के पार्ट्स आपको प्रिंटर के मार्किट में ही मिलेगा। इसके अलावा आप प्रिंटर के पार्ट्स को ऑनलाइन वेबसाइट से भी खरीद सकते हैं। या फिर प्रिंटर रिपेयरिंग शॉप से कुरियर करवा कर भी प्रिंटर पार्ट्स को खरीद सकते हैं।

प्रिंटर रिपेयरिंग बिज़नेस की मार्केटिंग कैसे करें?

किसी भी बिज़नेस में कमाई तब होती है जब कस्टमर आपसे जुड़ते हैं। ऐसे में प्रिंटर रिपेयरिंग में मार्केटिंग करना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। प्रिंटर रिपेयरिंग बिज़नेस में भी आपको बहुत अच्छे से मार्केटिंग करना पड़ेगा। प्रिंटर रिपेयरिंग बिज़नेस में मार्केटिंग करने के दो केटेगरी है। पहला केटेगरी है ऑनलाइन, दूसरा केटेगरी है ऑफलाइन।

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ऑफलाइन में आपको विजिटिंग कार्ड बनवाना पड़ेगा, उसके बाद आप पोस्टर और बैनर बनवा लें। तथा अलग – अलग जगह पर बैनर और पोस्टर को लगा दें। इसके अलावा विजिटिंग कार्ड को ज्यादा से ज्यादा लोग तक बाट दें। आप पेपर में भी पोस्टर वगेरा डलवा सकते हैं।

 

ऑनलाइन तरीके में आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। व्हाट्सप्प मार्केटिंग कर सकते है, व्हाट्सअप स्टेटस लगा सकते हैं। गूगल मैप पर अपने बिज़नेस की लिस्टिंग कर सकते हैं। आप अपने बिज़नेस के लिए वेबसाइट बना सकते हैं। साथ ही आप अपने बिज़नेस के लिए एड् चला सकते हैं। हालाँकि कई तरीके हैं, बस आपको अच्छे से प्रिंटर रिपेरिंग करना सिख लेना है।

 

उसके बाद आपके पास प्रिंटर के कस्टमर आते रहेंगे। आप बस काम करते रहिये और अपने कॉन्टेक्ट्स बनाते रहिये। साथ ही आप कई और प्रिंटर रिपेयरिंग के दूकान से कांटेक्ट करें जिससे की आपको ज्यादा से ज्यादा कस्टमर बनें। हमेसा अपने काम पर गर्व करें, और फिर एक दिन आपका प्रिंटर रिपेयरिंग सर्विस का बिज़नेस बहुत बड़ा हो जायेगा, बशर्ते आप मेहनत करते रहिये।

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